तंग आकर माताजी एक दिन बड़े बेटे के पास फ्लैट में भी चली गई। तंग आकर माताजी एक दिन बड़े बेटे के पास फ्लैट में भी चली गई।
अब मैं सेवा प्रवृत्त हो रही हूं"! सेवा प्रवृत्त कैसे होते हैं? अब मैं सेवा प्रवृत्त हो रही हूं"! सेवा प्रवृत्त कैसे होते हैं?
चाय पीते पीते आज मैं सच मे एक बहु को बेटी जैसा लाड़ दुलार सम्मान पाते देख रही थी। चाय पीते पीते आज मैं सच मे एक बहु को बेटी जैसा लाड़ दुलार सम्मान पाते देख रही थी।
आपके प्रमाणपत्र आपने इतने सम्भाल रखे तो आज किस काम के ? आपके प्रमाणपत्र आपने इतने सम्भाल रखे तो आज किस काम के ?
अजी अपने ही आलम में मगन सब लोग रहते हैं। बहुत हैं व्यस्त जीवन में यही सब लोग कहते हैं। अजी अपने ही आलम में मगन सब लोग रहते हैं। बहुत हैं व्यस्त जीवन में यही सब लोग ...
आज नीलिमा अलग हो कर आत्मसम्मान और स्वाभिमान से परिपूर्ण जीवन जी रही है। आज नीलिमा अलग हो कर आत्मसम्मान और स्वाभिमान से परिपूर्ण जीवन जी रही है।
तुम उदास रहोगी तो ऑफिस में मेरा मन कैसे लगेगा।" तुम उदास रहोगी तो ऑफिस में मेरा मन कैसे लगेगा।"
इसलिए रात का इंतज़ार करना ही बेहतर समझा उसने। इसलिए रात का इंतज़ार करना ही बेहतर समझा उसने।
आज पहली बार अपने नाम को सुनकर कितना अच्छा लग रहा है| आज पहली बार अपने नाम को सुनकर कितना अच्छा लग रहा है|
स्त्री में सच में बहुत ममता और प्यार होता है जो वह हर दौर में बांटती है । स्त्री में सच में बहुत ममता और प्यार होता है जो वह हर दौर में बांटती है ।
श्रीमद्भगवद्गीता : ज्ञान का खजाना जिसने जीवन को समृद्धि और आनंद से भर दिया श्रीमद्भगवद्गीता : ज्ञान का खजाना जिसने जीवन को समृद्धि और आनंद से भर दिया
लेकिन मन हमेशा ही यही कहता रहा कैसे कैसे लोग दुनिया में हैं ? लेकिन मन हमेशा ही यही कहता रहा कैसे कैसे लोग दुनिया में हैं ?
तुझे पाकर तो मैं और अमीर हो जाऊंगा। तुझे पाकर तो मैं और अमीर हो जाऊंगा।
दूसरों से कुछ मदद मिलने की उम्मीद ना रखकर खुद अपनी मदद करने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। दूसरों से कुछ मदद मिलने की उम्मीद ना रखकर खुद अपनी मदद करने पर ज्यादा ध्यान देना...
माँ देखो, छोटी चाची की आँखें बिल्कुल काली माँ की तरह लग रही हैँ! माँ देखो, छोटी चाची की आँखें बिल्कुल काली माँ की तरह लग रही हैँ!
अरे....! मैम, मैंने जैसा सोचा था... आप तो वैसी बिलकुल नहीं हो!" अरे....! मैम, मैंने जैसा सोचा था... आप तो वैसी बिलकुल नहीं हो!"
कुछ किताबे ले आइएगा मुझे आगे पढ़ाई करना है।" यह सुनकर दिवाकर के चेहरे का भाव बदल गया। कुछ किताबे ले आइएगा मुझे आगे पढ़ाई करना है।" यह सुनकर दिवाकर के चेहरे का भाव...
क्या रिटायरमेंट का अर्थ है----चुप- चाप बैठ कर मौत का इंतजार करो?? क्या रिटायरमेंट का अर्थ है----चुप- चाप बैठ कर मौत का इंतजार करो??
परिस्थिति के इस नाटकीय घटनाक्रम से सिया का परिवार हतप्रभ रह गया । परिस्थिति के इस नाटकीय घटनाक्रम से सिया का परिवार हतप्रभ रह गया ।
जीवन को अपने धन्य करो, जीवन कर्मों का लेखा है। जीवन को अपने धन्य करो, जीवन कर्मों का लेखा है।