मुझ जैसा सन्यासी सन्यासी होकर भी "कामान्ध" की तरह व्यवहार कर रहा है । मुझ जैसा सन्यासी सन्यासी होकर भी "कामान्ध" की तरह व्यवहार कर रहा है ।
एक गांव में एक गरीब बालक था जो अनाथ था। एक गांव में एक गरीब बालक था जो अनाथ था।
एक दिन वह तीनों बाजार गयीं। सामान खरीदने समय माँ की बचपन की सहेली मिल गयी। एक दिन वह तीनों बाजार गयीं। सामान खरीदने समय माँ की बचपन की सहेली मिल गयी।
ताने किसी के सह नही पाती हूं बस,तुम्हें ही पास पाती हूँ। ताने किसी के सह नही पाती हूं बस,तुम्हें ही पास पाती हूँ।
कुछ बदला नहीं था मगर मैं सीनियर सिटीजेन हो चुका था यानी मैं बूढा हो चुका था। कुछ बदला नहीं था मगर मैं सीनियर सिटीजेन हो चुका था यानी मैं बूढा हो चुका था।
"मैं जाऊंगा और जाकर रहूंगा " विवेक ने कहा गुस्से से। "मैं जाऊंगा और जाकर रहूंगा " विवेक ने कहा गुस्से से।
यह कहकर बुद्ध रस्सी के दोनों सिरों को एक दुसरे से दूर खींचने लगे। यह कहकर बुद्ध रस्सी के दोनों सिरों को एक दुसरे से दूर खींचने लगे।
मैं उस व्यक्ति को मिठाई देने के लिए उसके घर गया था जिससे आज झगड़ा हुआ था।'' मैं उस व्यक्ति को मिठाई देने के लिए उसके घर गया था जिससे आज झगड़ा हुआ था।''
" तुझे ऐसा नही लगता है,के तू पुरा भाभी का गुलाम हो गया है?" " तुझे ऐसा नही लगता है,के तू पुरा भाभी का गुलाम हो गया है?"
आज नीलिमा अलग हो कर आत्मसम्मान और स्वाभिमान से परिपूर्ण जीवन जी रही है। आज नीलिमा अलग हो कर आत्मसम्मान और स्वाभिमान से परिपूर्ण जीवन जी रही है।
पास जाकर देखते ही वह कांप गया । चेहरा था या प्रकाश पुंज ? पास जाकर देखते ही वह कांप गया । चेहरा था या प्रकाश पुंज ?
वह लड़का आज बहुत खुश लग रहा था क्योंकि मयंक के कारण वो दीवाली मना पा रहा था। वह लड़का आज बहुत खुश लग रहा था क्योंकि मयंक के कारण वो दीवाली मना पा रहा था।
तंग आकर माताजी एक दिन बड़े बेटे के पास फ्लैट में भी चली गई। तंग आकर माताजी एक दिन बड़े बेटे के पास फ्लैट में भी चली गई।
जो आंसू गिर रहे थे वो शायद उसके पिछली गलतियों के प्रायश्चित के आंसू थे। जो आंसू गिर रहे थे वो शायद उसके पिछली गलतियों के प्रायश्चित के आंसू थे।
मैं नीना को ही बोलता था दीदी कभी ग़लत नहीं हो सकती है पर आज तो आप ही मां भड़का रही हो। मैं नीना को ही बोलता था दीदी कभी ग़लत नहीं हो सकती है पर आज तो आप ही मां भड़का र...
राजा ने अपने भोजन से आधी रोटी और गुड़ उसको भी खिला दिया। राजा ने अपने भोजन से आधी रोटी और गुड़ उसको भी खिला दिया।
कुछ ही पलों में काव्या की दुनियाँ उजड़ गई थी।हँसता खेलता मानव इस दुनिया से अलविदा हो चुका था। कुछ ही पलों में काव्या की दुनियाँ उजड़ गई थी।हँसता खेलता मानव इस दुनिया से अलविद...
पहले तुम मुझे पत्थर की मूर्ति समझते थे तो मैं भी जड़ बना रहा। पहले तुम मुझे पत्थर की मूर्ति समझते थे तो मैं भी जड़ बना रहा।
जब वे पढ़ाने स्कूल जातीं थीं तो लोग अपनी छत से उनके ऊपर गन्दा कूड़ा इत्यादि डालते थे। जब वे पढ़ाने स्कूल जातीं थीं तो लोग अपनी छत से उनके ऊपर गन्दा कूड़ा इत्यादि डालते ...
ईमानदारी तो सबमें है महोदय । मैल की परतों ने उसे ढँक भर दिया है। ईमानदारी तो सबमें है महोदय । मैल की परतों ने उसे ढँक भर दिया है।