Yogesh Suhagwati Goyal

Inspirational

5.0  

Yogesh Suhagwati Goyal

Inspirational

इटली का एक मित्र

इटली का एक मित्र

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मैं पेशे से एक मरीन इंजिनियर हूँ | दिसंबर १९७७ में बतौर जूनियर इंजिनियर मैंने अपने कैरियर की शुरुआत भारतीय नौवहन निगम के जहाज “ननकोरी” पर की | अपने काम की वजह से मुझे हमेशा जहाज पर ही रहना पड़ता था और जहाज के साथ साथ एक बंदरगाह से दूसरे तक जाना पड़ता था | उन दिनों १२ महीने जहाज पर काम करने के बाद एक महीने की छुट्टी मिलती थी | १९८० में मेरी शादी हुई, पहली बेटी का जन्म फरवरी १९८४ में, नवंबर १९८५ में दूसरी बेटी और जून १९९० में बेटे का जन्म हुआ | आर्थिक मजबूरियों के चलते शुरू के कुछ साल नौकरी छोड़ना मुमकिन नहीं था | लेकिन अपनी पत्नी और बच्चों की मुझे बहुत याद आती थी | खासकर मैं अपने बच्चों का बचपन और उनका बढ़ना बहुत मिस करता था | यही वजह थी कि १९९२ में मैंने जहाज की नौकरी छोड़ने की ठान ली |


सन १९९२ में, मैं स्टीम टर्बाइन संचालित टैंकर “अल्की” नाम के जहाज पर चीफ इंजिनियर था | मेरा जहाज दुबई के एक रिपेयर यार्ड, दुबई ड्राईडॉक्स (नया नाम ड्राइडॉक्स वर्ल्ड) में मरम्मत के लिये लाया गया | उन दिनों हमारे जहाज के इंजिनियर सुपरिन्टेन्डेन्ट श्री मोस्किनी, जो इटालियन मूल के थे, जहाज की मरम्मत के लिए दुबई आए हुए थे | इसके अलावा, मरम्मत के बाद, जहाज के तकनीकी प्रबंधन का नियंत्रण भी एक दूसरी कंपनी को सौंपा जाना था । मैं मोस्किनी साहब को पिछले ४–५ वर्षों से अच्छी तरह से जानता था, लेकिन केवल एक इंजिनियर सुपरिन्टेन्डेन्ट के रूप में । मुझे कभी उनके साथ मिलकर काम करने का मौका नहीं मिला । लेकिन अल्की पर मुख्य अभियंता के रूप में कार्य काल के दौरान, मेरे और उनके बीच सम्बंध काफी गहरे और दोस्ताना बन गये |


एक दिन चाय पर चर्चा के दौरान, मैंने मोस्किनी साहिब को बताया कि अल्की मेरा आखिरी जहाज होने जा रहा है | अब आगे और सेल करना मुमकिन नहीं होगा | इसके बाद मैं किनारे पर ही कोई काम करने की सोच रहा हूँ | उनको मैंने अपनी दुविधा बताई और साथ ही मैंने इस सन्दर्भ में उनकी मदद भी मांगी | तुरंत ही उन्होंने अपने कुछ संपर्कों को फोन घुमाये और फिर बोले, शाम ५ बजे बायो डाटा के साथ तैयार रहना | उसी दिन शाम को मोस्किनी साहिब मुझे एक सर्वे कम्पनी के ऑफिस में मिलाने लेकर गये | लेकिन चीफ सर्वेयर से मिलकर पता चला कि उन दिनों वहां कोई जगह खाली नहीं थी | फिर भी उन्होंने भविष्य का वादा कर मेरा बायो डाटा रख लिया |


अगले दिन मोस्किनी साहिब सुबह ८ बजे जहाज पर आये | आते ही बोले, आजकल दुबई ड्राईडॉक्स का विस्तार चल रहा है | तुम एक बात बताओ, तुम्हारा झुकाव टेक्निकल में है या कमर्शियल में है | शिपयार्ड में दोनों विभागों में ही जगह खाली हैं | मैंने उनको बताया कि मुझे दोनों विभागों में ही कोई दिक्कत नहीं है फिर भी अगर हो सके तो मैं कमर्शियल को प्राथमिकता दूंगा | मोस्किनी साहिब ने तुरंत ही कमर्शियल विभाग में अपने किसी सम्पर्क को फोन घुमाया और मेरे बारे में बात की | फोन ख़त्म करने के बाद बोले, शिपयार्ड के कमर्शियल विभाग में मेरे एक बहुत अच्छे मित्र हैं और वो तुमसे आज शाम ४ बजे मिलना चाहते हैं | शाम ४ बजे हम दोनों ड्राईडॉक्स के कमर्शियल विभाग के ऑफिस पहुंचे | जहाँ पहले कमर्शियल मैनेजर से १५-२० मिनिट बातचीत हुई और फिर कमर्शियल डायरेक्टर से मुलाकात हुई | इन दो मुलाकातों के बाद मुझे नौकरी का प्रस्ताव दे दिया गया |


उस शाम मैंने अपनी पत्नी को फोन पर बताया कि अपने जहाज के इटालियन मित्र की मेहरबानी से मेरा वनवास ख़त्म होने जा रहा है | मुझे शिपयार्ड में नौकरी मिल गई है | अब तुम भी अपनी तैयारियां कर लो | १ महीने बाद से हम सब दुबई में साथ २ रहेंगे | और हाँ, शादी के १२ साल बाद, इस बार दिवाली पर हमारा पूरा परिवार एक साथ होगा।


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