कथाकार,कवि हंस,पाखी,कथाबिम्ब,बया,उद्भावना,कथाक्रम,वागर्थ,वाक्,पुष्पगंधा,अभिनव इमरोज,परिंदे,वसुधा,चिंतनदिशा,साहित्य अमृत,इन्द्रप्रस्थ भारती,लहक,मधुमती,हरिगंधा,कथा समय,लमही,जनसंदेश टाइम्स,दैनिक हरिभूमि,जनसत्ता,में कहानियां प्रकाशित.
निरंतर आ रहे शब्दों वाक्यों और संवादों ने उसमे एक अजीब तरह की व्याकुलता भर दी थी. निरंतर आ रहे शब्दों वाक्यों और संवादों ने उसमे एक अजीब तरह की व्याकुलता भर दी थी...
हम केवल चार थे। हमें आपस में तारतम्य बिठाना था। हम केवल चार थे। हमें आपस में तारतम्य बिठाना था।
कोर्ट के फैसले ने उसे यह राहत दी थी कि वह माह में एक बार बेबी से मिल सकता है। कोर्ट के फैसले ने उसे यह राहत दी थी कि वह माह में एक बार बेबी से मिल सकता है।
उसने मेरी तरफ देखा। उसकी आँखों में हल्का सा विस्मय था। उसने मेरी तरफ देखा। उसकी आँखों में हल्का सा विस्मय था।
उसके लाख प्रयत्न के बाद भी उसका बेटा बड़े होने पर औसत ही रहा उसके लाख प्रयत्न के बाद भी उसका बेटा बड़े होने पर औसत ही रहा
मैं कहां हूं ? उसने अपने से पूछा ? लेटे-लेटे वह काफी देर तक अपने से बातें करता रहा। मैं कहां हूं ? उसने अपने से पूछा ? लेटे-लेटे वह काफी देर तक अपने से बातें करता र...
हर चुनाव के बाद उन्हें भुला दिया जाता.वह सिर्फ समर्पित कार्यकर्ता ही बने रहे. हर चुनाव के बाद उन्हें भुला दिया जाता.वह सिर्फ समर्पित कार्यकर्ता ही बने रहे.
वहां कोई अतिरिक्त हर्ष, उमंग न पाकर एकाएक उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। वहां कोई अतिरिक्त हर्ष, उमंग न पाकर एकाएक उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ।
चीफ़ शिकार करने निकला था। उसके चलने पर कोई पद्चाप सुनाई नहीं पड़ती थी चीफ़ शिकार करने निकला था। उसके चलने पर कोई पद्चाप सुनाई नहीं पड़ती थी
मैं मम्मी शब्द सुनकर तड़फ उठा था। इस शब्द ने मेरे सारे अस्तित्व को कुचल कर रख दिया था। ह मैं मम्मी शब्द सुनकर तड़फ उठा था। इस शब्द ने मेरे सारे अस्तित्व को कुचल कर रख दिय...