प्यार छीन कर नहीं लिया जा सकता किन्तु हक़ लिया जा सकता है.
(मेरी एक प्रकाशित कहानी "प्रतिदान" का उद्धरण)
दोस्ती मोह्ब्बत में तब्दील होती है,मोहब्बत दोस्ती में नहीं बदलती.
(मेरी एक कहानी प्रेमांत का उद्रहण.प्रेमांत जनसत्ता में २९ नोव.२०१५ में प्रकाशित हुई थी)