रेलवे स्टेशन पर साइड मे लेटी हुई महिला दर्द से कराह रही थी । रेलवे स्टेशन पर साइड मे लेटी हुई महिला दर्द से कराह रही थी ।
नहीं है मगर अब जो भी है सही है यही ज़िंदगी है.. यही ज़िंदगी है..!! नहीं है मगर अब जो भी है सही है यही ज़िंदगी है.. यही ज़िंदगी है..!!
तो सफलता अवश्य मिलेगी। जैसा मन वैसी बुद्धि वैसी सृष्टि। तो सफलता अवश्य मिलेगी। जैसा मन वैसी बुद्धि वैसी सृष्टि।
एक सही निर्णय भी गलत हो जाता है, यदि बहुत देर करते हैं। एक सही निर्णय भी गलत हो जाता है, यदि बहुत देर करते हैं।
बिना अपना आराम हराम किये नि :स्वार्थ सेवा नहीं हो सकती। बिना अपना आराम हराम किये नि :स्वार्थ सेवा नहीं हो सकती।
दस पन्द्रह मिनट इंटरव्यू चला और मैंने आत्मविश्वास से सभी प्रश्नों के उत्तर दिए। दस पन्द्रह मिनट इंटरव्यू चला और मैंने आत्मविश्वास से सभी प्रश्नों के उत्तर दिए।