"बोरियत" जैसा विषय भी कभी इतना रुचिकर हो सकता है , ये इसे पढ़्कर आप खुद समझ जायेंगे. मैं जो बोरियत क... "बोरियत" जैसा विषय भी कभी इतना रुचिकर हो सकता है , ये इसे पढ़्कर आप खुद समझ जाये...
किसी को भी नहीं पता चला ना ही उस जंगल के बारे में और न हमारे बारे में। किसी को भी नहीं पता चला ना ही उस जंगल के बारे में और न हमारे बारे में।
ज़िन्दगी के हर इक पल मे निहितार्थ अपनी गतिविधियों को गतिशील करूँ। ज़िन्दगी के हर इक पल मे निहितार्थ अपनी गतिविधियों को गतिशील करूँ।
ज़िन्दगी के ख़ूबसूरत पलों का एक स्लाइड शो है...... ज़िन्दगी के ख़ूबसूरत पलों का एक स्लाइड शो है......
“साहित्य से मुलाकात हुई भी और नहीं भी पर जितनी भी हुई रूह में बस गयी. जीवन के व्याकरण में पूर्णविराम... “साहित्य से मुलाकात हुई भी और नहीं भी पर जितनी भी हुई रूह में बस गयी. जीवन के व्...
तुम कान्हा मेरे व्याकुल मन मे आकुल बसे हो तुम कान्हा। तुम कान्हा मेरे व्याकुल मन मे आकुल बसे हो तुम कान्हा।