ज़िन्दगी के हर इक पल मे निहितार्थ अपनी गतिविधियों को गतिशील करूँ। ज़िन्दगी के हर इक पल मे निहितार्थ अपनी गतिविधियों को गतिशील करूँ।
वह अपने जीवन को वातावरण में ढालने का प्रयास करता है। वह अपने जीवन को वातावरण में ढालने का प्रयास करता है।
खून से लथपथ करुणा धीरे - धीरे रती के नजदीक आती है । खून से लथपथ करुणा धीरे - धीरे रती के नजदीक आती है ।