Stories and Love
Share with friendsरेलिँग पर वो तुम्हारी कोहनी की रगङ आज भी जिँदा है , उसको खरोंच कर के उसके बुरादों में तुम्हारा अक्स ढूंढने की कोशिश कर क...
Submitted on 18 Dec, 2015 at 10:55 AM
आज पलकों की जिद भी अजीब थी ,आंशुओं को रास्ता देने से मना कर दिया फिर से ,उनको को रास्ता ही नहीं मिल रहा था अपने रास्ते ...
Submitted on 18 Dec, 2015 at 10:52 AM
क्या बताऊँ , उस सर्द रात जब तुमने ये बताया की तुम सिर्फ मुझसे मिलने आ रही हो और वो भी रात के ९.३० बजे , मेरे ख्याल उस ख्...
Submitted on 18 Dec, 2015 at 10:50 AM
तुमको नहीं लगता आज सर्दी बहुत ज्यादा है , ऐसा लग रहा मानो गरम हवाएं उदास सी हो गयी , चलो न एक एक चोकोबार खाते है और उन ग...
Submitted on 18 Dec, 2015 at 10:48 AM
2009 में हम दोनों जब दिल्ली आए थे, तब दिल्ली की सरकार, यहाँ का मौसम, यहाँ के लोग और ये मेट्रो, सब हमारे साथ हुआ करते थे।...
Submitted on 18 Dec, 2015 at 10:47 AM
"अरे! वो क्या है कि पापड़ी खाने की प्रथा इस देश मेँ बहुत पुरानी है, अगर तुमने गोलगप्पे खाने के बाद पापड़ी नहीं खाई तो लोग ...
Submitted on 18 Dec, 2015 at 10:43 AM
तो इसका मतलब क्या? तस्वीरों को मैं भी डिलीट कर दूँ? मैंने कई दफ़ा कोशिश क...
Submitted on 18 Dec, 2015 at 10:41 AM
तुम्हारी ज़ुल्फ का एक टुकड़ा मेरे कोट के एक बटन में कल लिपट कर मेरे पास आ गया था, मेरी नज़र जब उसकी सिसकियों पर पड़ी तो मैंन...
Submitted on 18 Dec, 2015 at 10:39 AM