इतने सालों बस पढ़ते रहे। अब कुछ कुछ लिख रहे हैं। बस यूं ही ,जो मन आये।
कैसे शहर में रहते हो। किसी में संवेदना है ही नहीं कैसे शहर में रहते हो। किसी में संवेदना है ही नहीं
उस बच्चे की हँसी ही थी उस सिग्नल पर दिया गया, सबसे बड़ा दान। उस बच्चे की हँसी ही थी उस सिग्नल पर दिया गया, सबसे बड़ा दान।
बुआ के डर से पड़ोस की दुकान से ही ताबीज खरीद लिया था। एक के साथ एक -मुफ्त । बुआ के डर से पड़ोस की दुकान से ही ताबीज खरीद लिया था। एक के साथ एक -मुफ्त ।
डॉक्टर साहब का खुद का वजन मीता से कम से कम तीस किलो ज्यादा था ! डॉक्टर साहब का खुद का वजन मीता से कम से कम तीस किलो ज्यादा था !
यही सब सुनने के लिए दिन रात मेहनत की, अपने सारे शौक दफ़न कर एक छोटी सी आमदनी में भी बेट यही सब सुनने के लिए दिन रात मेहनत की, अपने सारे शौक दफ़न कर एक छोटी सी आमदनी में ...
अब उसे पकड़ लेंगे। किसी पेड़ के साथ बाँध, उसे और उसके बच्चे को जला देंगे अब उसे पकड़ लेंगे। किसी पेड़ के साथ बाँध, उसे और उसके बच्चे को जला देंगे
पता नहीं क्यों पर इतने सालों बाद आखिर भाभी के सब्र का बाँध टूटता लगता दिखा। उनका चेहरा पता नहीं क्यों पर इतने सालों बाद आखिर भाभी के सब्र का बाँध टूटता लगता दिखा। उनका...
तेरी आगे की पढाई अब पत्राचार से ही होगी तेरी आगे की पढाई अब पत्राचार से ही होगी
पर इन शहरी लड़कियों को समझ गया हूँ। जब बात करती हैं, बस मतलब से बात करती हैं। पर इन शहरी लड़कियों को समझ गया हूँ। जब बात करती हैं, बस मतलब से बात करती हैं।
सत्यवान तो सावित्री की मौत के छह माह के भीतर ही नया विवाह रचाते आये हैं। सत्यवान तो सावित्री की मौत के छह माह के भीतर ही नया विवाह रचाते आये हैं।