इतने सालों बस पढ़ते रहे। अब कुछ कुछ लिख रहे हैं। बस यूं ही ,जो मन आये।
Share with friendsउस बच्चे की हँसी ही थी उस सिग्नल पर दिया गया, सबसे बड़ा दान।
Submitted on 10 Aug, 2020 at 10:08 AM
बुआ के डर से पड़ोस की दुकान से ही ताबीज खरीद लिया था। एक के साथ एक -मुफ्त ।
Submitted on 04 Mar, 2020 at 10:51 AM
डॉक्टर साहब का खुद का वजन मीता से कम से कम तीस किलो ज्यादा था !
Submitted on 27 Jan, 2020 at 09:19 AM
यही सब सुनने के लिए दिन रात मेहनत की, अपने सारे शौक दफ़न कर एक छोटी सी आमदनी में भी बेट
Submitted on 30 Dec, 2019 at 06:59 AM
अब उसे पकड़ लेंगे। किसी पेड़ के साथ बाँध, उसे और उसके बच्चे को जला देंगे
Submitted on 20 Dec, 2019 at 05:42 AM
पता नहीं क्यों पर इतने सालों बाद आखिर भाभी के सब्र का बाँध टूटता लगता दिखा। उनका चेहरा
Submitted on 13 Dec, 2019 at 09:49 AM
पर इन शहरी लड़कियों को समझ गया हूँ। जब बात करती हैं, बस मतलब से बात करती हैं।
Submitted on 18 Nov, 2019 at 05:00 AM
सत्यवान तो सावित्री की मौत के छह माह के भीतर ही नया विवाह रचाते आये हैं।
Submitted on 12 Nov, 2019 at 07:51 AM
अब तक उमेश जी ग्यारह हजार से कहीं नीचे ..... ग्यारह सौ रुपए, लड़के के लिए घड़ी और। ...
Submitted on 20 Oct, 2019 at 19:29 PM
जिंदगी में पहली बार मैंने उसके हाथों में आज कागज़ का पुर्जा दिया है
Submitted on 16 Oct, 2019 at 09:31 AM
सुना तो होगा न आपने भी - कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती "
Submitted on 11 Oct, 2019 at 09:57 AM
जल्द ही वो टूट जाएंगे और उन पर टिका, ये बस नाम का संयुक्त परिवार भी।
Submitted on 03 Oct, 2019 at 10:00 AM
पंछी की बात सुन, विवाह से पहले स्त्री ने पुरुष का घर देखने की इच्छा की।
Submitted on 15 Sep, 2019 at 07:25 AM
आज ही ऑफ़िस में नौकरी से इस्तीफ़ा भी दे आया था। खुशी- खुशी उसने अपनी दराज़ खोली।
Submitted on 09 Sep, 2019 at 09:28 AM
आखिर में एक बड़े समारोह में दो घंटे लाइन में लग बड़े नेताजी के हाथ ज़मीन के कागज़ मिले।
Submitted on 01 Sep, 2019 at 16:53 PM
वो भाई नहीं है तो क्या हुआ ? वो उसकी दीदी तो है। रक्षा करने के लिए ये रिश्ता भी काफी है।
Submitted on 16 Aug, 2019 at 18:49 PM
"वो कमजोर लड़का और तोंद वाला सेठ -कौन कैसी चाल चल रहा था ??"
Submitted on 08 Aug, 2019 at 10:58 AM
मास्टर जी के गुस्से का तीनों ने जवाब दिया हमने नक़ल नहीं किया, मास्टरजी ने एक सवाल हल करने दिया और कहा की अंक तभी मिलेंगे...
Submitted on 07 Aug, 2019 at 09:40 AM
हमारी सहेली हमारी दगड़िया स्वर्गीया लता डोभाल जिसकी आकस्मिक मृत्यु हो गई --को समर्पित
Submitted on 07 Aug, 2019 at 09:34 AM
पहले तो रश्मी समझी नहीं , पर फिर सामने छोटे से चमकते काले बाल वाले भोटिया कुत्ते को दूध -रोटी खाते देख सब समझ गयी। फि...
Submitted on 21 Jul, 2019 at 09:40 AM
नितिन का मन अशांत था। क्या सच में पड़ोस से आती आवाजें किसी अत्याचार की दस्तक थीं ?
Submitted on 11 Jul, 2019 at 13:21 PM
बस रुपेश का चेहरा चम -चम चमक रहा था, उस घुप्प अँधेरे में।
Submitted on 03 Jul, 2019 at 17:06 PM
सुमन का नाम सुन -सुन कर पति पर शक होना ही था...... पर
Submitted on 29 Jun, 2019 at 16:57 PM
एक जागरूकता पूर्ण और प्रेरणा दायक कथा। जागरूकता यह कि कभी अजनबियों पर भरोसा न करे और प्रेरणा यह कि देह व्यक्ति नही, व्यक...
Submitted on 19 Jun, 2019 at 19:25 PM
कौन सा प्रेमी सच्चा प्रेमी कहलायेगा इस पर विवाद हो सकता है। किसी को मजनूं , रोमियो या फरहाद सच्चे प्रेमी लग सकते हैं तो ...
Submitted on 09 Jun, 2019 at 09:51 AM
तुम्हारी डायरियां न मिलती तो हमें तो पता ही नहीं चलता की बस पैसे बचाने के लिए मसाला डोसा खाती आ रही हो
Submitted on 02 Jun, 2019 at 10:41 AM
तो आशा करते हैं की हम सभी भारतवासी भी सदा एक रहेंगे। एकजुट। एक ही माला में पिरोये मोतियों की तरह।
Submitted on 01 Jun, 2019 at 14:19 PM
ऐसे पुनर्विवाहों के किस्से सिर्फ और सिर्फ कहानियों में सुहाते हैं।
Submitted on 31 May, 2019 at 09:21 AM
मंगल जी भी जीवन पर्यन्त, अपनी कमाई अपने इकलौते बेटे की पढ़ाई पर लुटाते रहे
Submitted on 30 May, 2019 at 18:27 PM
प्रेम और स्नेह की नदी में बह कर कहीं दूर जा चुके हैं, बहुत दूर, कभी वापस न लौटने के लिए।
Submitted on 28 May, 2019 at 16:09 PM
मैं जानता हूँ कि मैं गलत नहीं हूँ, मेरे लिए यही काफी है।
Submitted on 25 May, 2019 at 10:39 AM
पांच साल का होने पर तो रोज़ ही पूछता था की वो किसे ज्यादा प्यार करती है उससे या फिर पापा से।
Submitted on 24 May, 2019 at 18:52 PM
चैन, सुकून और खुशी, इन सब से उसका चेहरा दमकने लगा।
Submitted on 24 May, 2019 at 10:44 AM
बस हांफते -हांफते लगे हैं अपनी राह को, एक कभी न ख़त्म होने वाली दौड़ में।
Submitted on 24 May, 2019 at 07:57 AM
घर से ऑफ़िस और ऑफ़िस से घर। जेब में पैसों की कमी नहीं है। अब अपनी खुशी से नहीं डॉक्टर की सलाह पर चलते फिरते हैं।
Submitted on 22 May, 2019 at 08:53 AM
लड़की ऐसे चुप है मानो कुछ बोल पड़ी तो अभी धरती पर प्रलय आ जाए
Submitted on 21 May, 2019 at 13:39 PM
अब बस ताबूत में बंद हो तिरंगे से सज धज कर घर पहुंचना बाकी था।
Submitted on 20 May, 2019 at 10:41 AM
हम नहीं चाहते की आप लोग अपनी बचत के पैसे हमारी शादी पर खर्च कर दें। वो पैसे आप अपने लिए बचा कर रखें।
Submitted on 19 May, 2019 at 08:21 AM
जब ऐसे ही शहर के लगभग सभी निजी अस्पतालों में कुछेक दिन काम करके वो नौकरी से हाथ धोता रहा तो एक बार फिर उसकी किताबों से द...
Submitted on 17 May, 2019 at 19:30 PM
अब देवदूत अपनी मर्जी से खुद-ब-खुद तो पृथ्वी पर जा नहीं सकते थे। पर कोई उन्हें याद करे या मदद के लिए बुलाये तो...
Submitted on 17 May, 2019 at 14:15 PM
कई तीरंदाजी शुरू में देर से सीखते हैं पर उनके ये असफल प्रयास ही उन्हें सफलता की तरफ ले जाते हैं।
Submitted on 16 May, 2019 at 09:39 AM
कालिख से दूर रखने की उसकी नेक कोशिश से एक दो भी लोग सुधर जाएँ तो शायद उसे अपने हाथ फिर से साफ़ लगें।
Submitted on 15 May, 2019 at 06:10 AM
शतरंज की इस बाजी में तो फ़िलहाल कमिश्नर की शह पर एक अदने प्यादे ने चंद्रप्रकाश जी को मात दे ही डाली थी।
Submitted on 15 May, 2019 at 05:56 AM
एक दूसरे से नोंक झोंक भी करते हैं, पर रहते हैं हमेशा साथ।
Submitted on 14 May, 2019 at 11:13 AM
गीता ने मुस्कुरा कर पेपरवेट वापस मेज पर सजा दिया, अब उसकी कोई जरूरत नहीं थी।
Submitted on 13 May, 2019 at 18:21 PM
चाहे रिश्ते में वो बस मौसी ही कहलाएं पर ईश्वर जानता है की वह एक माँ हैं, सच्ची माँ।
Submitted on 12 May, 2019 at 16:28 PM
क्या करें ये शहर होते ही ऐसे हैं, न नदी, न मछलियां, न अमरुद के पेड़, न गन्ने के खेत और न वो दोस्त, बस बोरियत से भरे।
Submitted on 10 May, 2019 at 06:03 AM
गुफा का गोरिल्ला भी पूरे हफ्ते इन्तजार करता है अपने नए दोस्तों का।
Submitted on 09 May, 2019 at 06:51 AM
उसे तो बस मेंढक के हाथ में और आसपास शराब की बोतलें ही बोतलें नजर आ रही थी और मेंढक के चेहरे में अपनी शक्ल।
Submitted on 08 May, 2019 at 17:20 PM
वहां सब तरफ समृद्धि की धूप ही धूप फ़ैली है। विपन्नता के अंधेरे कहीं भी नहीं हैं।
Submitted on 07 May, 2019 at 12:40 PM
गरीब बच्चों के माँ-बाप को बच्चों की कमाई का लालची समझने की मध्यमवर्गीय मानसिकता सिर उठा रही थी...
Submitted on 06 May, 2019 at 08:00 AM
इंसान के हाथों में धरती की बागडोर सौंप ईश्वर कुछ देर विश्राम करने लगे। अभी ईश्वर ने मात्र एक दो घड़ी ही विश्राम किया था क...
Submitted on 06 May, 2019 at 07:04 AM
छोटू को घर पहुंचा देगा तो एक लाख से ज्यादा ही रुपए मिल जाएंगे। वो भी बिना मुंह में कालिख पुते।
Submitted on 05 May, 2019 at 07:29 AM
काश हर गरीब बच्चे के ख्वाब ऐसे ही पूरे हो जाएँ। कौन करता है उस से क्या फर्क पड़ता है ?
Submitted on 04 May, 2019 at 06:46 AM
आसमान में रह रही छुटकू की माँ और मिन्नी के पापा भी शायद अब ज्यादा सुकून से होंगे। जिन्हे वो प्यार करते थे उनकी खुशी से ब...
Submitted on 03 May, 2019 at 15:30 PM
पता नहीं आज का दिन कैसा होगा? नब्ज तेज हो गयी, दिल घबरा गया और ऐसे लगा जैसे शरीर से अन्तड़ियां बहार आ जाएंगी। बिना क...
Submitted on 03 May, 2019 at 06:22 AM
डाइनिंग टेबल पर सब नाश्ता सजा दिया था उसने। तभी उसे क़दमों की आहट सुनाई दी। बस अभी पीछे से...
Submitted on 19 Apr, 2019 at 14:01 PM
शायद एकआध बार उसने हम से नजर मिलायी भी हो पर ऐसा जब भी हुआ होगा हम ने झट से नजर चुरा ही ली होगी
Submitted on 15 Apr, 2019 at 09:30 AM
अब भी कभी पति-पत्नी के बीच में लड़ाई या चुहुल हो तो फिर से वो मेंढक और छिपकली ही बन जाते हैं।
Submitted on 11 Apr, 2019 at 14:43 PM
"ये खुद सामान नहीं मँगा सकती क्या । पास ही तो बनिए की दुकान है। फ़ोन भर ही करना है !" पत्नी ने हमें यूँ घूर कर देखा जैस...
Submitted on 11 Apr, 2019 at 14:19 PM
न जाने क्यों पर इतनी खातिरदारी के बाद भी अब सौदामनी को मोहल्ले में किसी से भी कोई भी अपनापन नहीं लगता। ऐसा लगता है जैसे ...
Submitted on 11 Apr, 2019 at 09:38 AM
सच में अमेरिकन के प्रश्न ने तो हमें "निःशब्द" कर डाला !
Submitted on 09 Apr, 2019 at 17:35 PM
फिर अचानक उनकी नजर लड़के के पैरों पर पड़ी । दोनों पैरों में अलग अलग जूते थे क्योंकि एक पैर में नीचे की तरफ प्लास्टर लगा थ...
Submitted on 09 Apr, 2019 at 17:14 PM
"सुनो वो पक्षियों के लिए पानी रखोगी तो मिटटी के बर्तन में रखना ताकि पानी ठंडा बना रहे, बाहर बेहद गर्मी है !"
Submitted on 09 Apr, 2019 at 17:11 PM