राम- भरत
राम- भरत
राम के हर कार्य को जिसने सफल बनाया है। राम के हियतल में अपना मान बढ़ाया है। स्वइच्छा हरिइच्छा भरपूर समर्पण दिखाया है। त्याग और श्रद्धा से उत्कृष्ट चरित्र बनाया है। रामसत्ता स्वकंधों पर ले पादुका से राम राज्य चलाया है। भ्रातृत्व, भक्ति, सेवा का अद्भुत/ अनुपम संगम बनाया है। त्याग, नम्रता, धर्म रक्षक त्रिगुणों से स्वयं को महकाया है। राम भक्ति में लीन रहकर मन में राम रमाया है। भ्रात प्रेम का उत्कृष्ट उदाहरण शील भरत ने बनाया है। श्री राम का हर काज पग-पग सफल बनाया है। राम-भरत कथा जीवन में मूल्य अधिक बढ़ाती हैं। जन-जन स्पंदित कर, संवेदना चरम पर ले आती है। भक्ति का दीप जलाए रख कलि में त्रेता की लौ क्षण-क्षण ऊपर उठाती है।
