अपने उद्गार को कागज पर उतारती हूँ
रात का सन्नाटा उसे डरा रहा था पर वह कर भी क्या सकती थी। रात का सन्नाटा उसे डरा रहा था पर वह कर भी क्या सकती थी।
इधर लड़कियों की साँसें ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे अटकी हुई थी। इधर लड़कियों की साँसें ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे अटकी हुई थी।
रीना ने जो दिखाया वह मात्र प्रदर्शन था।भ्रम वाला प्रदर्शन। रीना ने जो दिखाया वह मात्र प्रदर्शन था।भ्रम वाला प्रदर्शन।
दीपिका हँसने लगी, मगर वह इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। दीपिका हँसने लगी, मगर वह इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी।
उसे देखकर नियति पर बड़ा अफसोस होता। उसे देखकर नियति पर बड़ा अफसोस होता।
वह स्वयं के जीवन की तुलना फ़िल्म के पात्रों से करती थी वह स्वयं के जीवन की तुलना फ़िल्म के पात्रों से करती थी
दामिनी अपना सामान रखवा रही थी, प्रीतम चुपचाप से स्तब्ध होकर खड़ा था दामिनी अपना सामान रखवा रही थी, प्रीतम चुपचाप से स्तब्ध होकर खड़ा था
इसके बाद शादी भी हो गयी, शादी के बाद मोहन और शगुन चेन्नई चले गये। इसके बाद शादी भी हो गयी, शादी के बाद मोहन और शगुन चेन्नई चले गये।
और प्रेम की एक मिसाल बनाएंगे। और प्रेम की एक मिसाल बनाएंगे।
एक दिन अचानक से फ़ोन आया कि श्वेता की मम्मी बाथरूम में गिर गयीं और पैर में चोट लग गयी। एक दिन अचानक से फ़ोन आया कि श्वेता की मम्मी बाथरूम में गिर गयीं और पैर में चोट लग...