कोटि-कोटि वर्षों से यूँ ही कुम्भकार का चाक घूमता। कोटि-कोटि वर्षों से यूँ ही कुम्भकार का चाक घूमता।
ठोकर खाता हूं उठता हूँ फिर भी चलता जाता हूँ। ठोकर खाता हूं उठता हूँ फिर भी चलता जाता हूँ।
मुझे रास्ता चलना नहीं, पिरोना था थोड़ी तो देरी लाज़मी है, होनी थी तू मंज़िल, मैं मुसाफिर बस, ह... मुझे रास्ता चलना नहीं, पिरोना था थोड़ी तो देरी लाज़मी है, होनी थी तू मंज़िल,...
बिन मांगे अंत ही करेंगे बच्चे बस ऐसा कभी नहीं सोच था। बिन मांगे अंत ही करेंगे बच्चे बस ऐसा कभी नहीं सोच था।
दयालुता का कलयुग में मतलब यही है आ बैल मुझे मार। दयालुता का कलयुग में मतलब यही है आ बैल मुझे मार।
वसुधा एक कुटुंब है,इसके हित कर त्याग , इससे बढ़कर है नहीं ,कोई जप-तप-याग। एक वृक्ष ह वसुधा एक कुटुंब है,इसके हित कर त्याग , इससे बढ़कर है नहीं ,कोई जप-तप-याग। ...