STORYMIRROR

कुमार संदीप

Inspirational

4  

कुमार संदीप

Inspirational

मंज़िल का राही

मंज़िल का राही

1 min
408

मंज़िल की राह पर चल राही 

न परवाह कर कष्ट की 

मिलेगी सफलता निश्चित ही 

बस मंज़िल का राही तू निरंतर

प्रयास कर 

   

मुश्किलों में राही तू मुस्कुरा 

तकलीफों को मात देकर तू 

नव इतिहास रच राही तू मत घबरा 

बस मंज़िल का राही तू निरंतर

प्रयास कर 


राह में मिले कांटों से मत घबरा 

मुश्किलों में मत घबरा राही 

सफलता पाना बिल्कुल आसान है 

बस मंज़िल का राही तू निरंतर

प्रयास कर 


हालातों से हार मान यदि थक जाओगे 

याद रखना हार मान तुम मंज़िल नहीं पाओगे 

बुरे समय को मात देकर तू नव इतिहास रच 

बस मंज़िल का राही तू निरंतर प्रयास कर 


पढ़कर देख इतिहास तू बिन मेहनत 

मंज़िल मिलती नहीं है चाहता है कुछ 

अलग करना आत्मविश्वास तू बढ़ा 

बस मंज़िल का राही तू निरंतर प्रयास कर 


मधुर स्वर में बोलना सीख राही कटु वचन 

न कभी बोलना व्यवहार तेरा प्रथम परिचय 

है तू व्यवहार कुशल,उत्तम व आदर्श बना 

बस मंज़िल का राही तू निरंतर प्रयास कर 


जिंदगी एक अनमोल उपहार मिली है 

रब से तू जिंदगी को सार्थक बना 

इतिहास रट मत तू नव इतिहास रच 

बस मंज़िल का राही तू निरंतर प्रयास कर 


हौसलों को रख बुलंद एक दिन होगा चर्चा 

तेरे हुनर का जग में बस तू नेक काम कर 

मुश्किलों का कर सामना हार मत मानना 

बस मंज़िल का राही तू निरंतर प्रयास कर 


राही भाग्य को दोष देकर तू न पीछा छुड़ाना 

हौसलों से अपना भाग्य तू खुद सृजित कर 

हालातों से लड़ना सीख भाग्य खुद गढ़ना सीख 

बस मंज़िल का राही तू निरंतर प्रयास कर



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational