स्वतंत्रता
स्वतंत्रता


स्वतंत्रता की प्राप्ति हेतु
जिन्होंने भी किया संघर्ष..
हम हाथ जोड़कर करते हैं नमस्कार उन्हें.
वो ना करते संघर्ष,
ना बहाते यदि अपना लहू
तो, हमारे पाँवों में होती आज भी
गुलामी की जंजीरें,
और हमारे उर में होता अथाह डर
अरे! मनुज समझ इस स्वतंत्रता की कीमत
और कर तू भी कुछ अलग,
देश खातिर, आम जन खातिर।
हमारे राष्ट्रप्रेमियों ने
अपने हिस्से का दुख
भोग लिया तुम्हें सुख
का एहसास करवाने खातिर..
अब तू भी झेल दुख,
कर स्वतंत्रता को सार्थक।।