Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dinesh paliwal

Tragedy

5.0  

Dinesh paliwal

Tragedy

।। अधिनायक ।।

।। अधिनायक ।।

2 mins
335


बस जन्म जहाँ परिचायक हो,

फिर चाहे योग्य या नालायक हो,

बस मुकुट उसी के सर होता है,

जो राजा के कुल से होता है,

पीढ़ी दर पीढ़ी जब संतानों को,

प्रजा पे बस यूँ ही थोपा जाता है

ऐसा शासन परिभाषा से अब,

राजतंत्र कहलाता है।।


जब अधिकार तुम्हारे सब हरके,

सब इच्छाओं का दमन कर के,

लेकर सब सत्ता सुख अपने हाथ,

हो प्रजा जहां फिरती अनाथ,

जहां खबरें गूंगी और अंधी हौं,

हर जिव्या पर पाबंदी हो,

जब ऐसा कोई शासक है आता ,

तो वो है तानाशाह कहाता ।।


जहां प्रजा ही राजा चुनती हो,

बस वादों को ही सुनती हो,

हो संख्या बल का बस जोर जहाँ,

और जाति धर्म का शोर यहां,

जनता की, जनप्रतिनिधि द्वारा ही,

मर्यादाएं सब लांघी जाती हैं,

जब जन जनार्दन ही बेचारी हो,

तब ये लोकशाही कहलाती है।।


अपना देश निराला है जहाँ,

लोकशाही से हम सरकार चुनें,

नेताजी जब कुर्सी पा जाएं,

राजशाही के बस ख्वाब बुनें,

रहे बरकरार राजशाही ये उनकी,

फिर चाहे तानाशाही ही करनी हो,

अपनी सत्ता का बस ध्वज फहरे,

चाहे कीमत देश को भरनी हो।।


कब तक हम इन सत्ता लोलुप को,

सिंहासन पर हर बार बिठाएंगे,

प्रजातंत्र की आड़ में कब तक,

जो ये देश लूट कर खाएँगे,

बाँट बाँट सब सौगातें मुफ्त की,

याचक ये अब पूरा देश किया,

श्रम फल और क्षमता को छोड़ कर,

बैसाखी के सहारे बस शेष किया।।


ये देश कर्म और साहस का जो,

संसार में रहा ध्वजवाहक है,

गीता , उपनिषद औऱ वेदों का,

इस धरती पर संवाहक है,

हे भरत पुत्र मत हो आश्रित अब,

हुंकार भरो तुम लायक हो,

किसी भ्रष्ट तंत्र के तुम यंत्र नहीं,

भारत के तुम अधिनायक हो,

भारत के तुम अधिनायक हो।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy