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umesh kulkarni

Tragedy

2.7  

umesh kulkarni

Tragedy

बेशरम रूह मेरी

बेशरम रूह मेरी

2 mins
583


कोई हक़ नहीं बनता फिर भी जिद पे अड़ गया हूँ मैं

मतलबी दुनिया का एक मतलबी बन गया हूँ मैं

औरों से कुछ भी कम रह नहीं गया हूँ मैं

दम तोड़ती ही नहीं बेशरम रूह मेरी

रोज दफना कर तो आता हूँ मैं।


ऊंचे सराय की दावत का भुगतान कर रहा था मैं

दरबान की नम आँखें भी देख रहा था मैं

कईं महीनों की तनख्वा थी शायद उसकी

उस से आँख चुरानेकी कोशिश कर रहा था मैं

कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ रहा था मैं।


सड़क के किनारे बैठा वो सब्जीवाला और उसकी बेटी शालू

स्कूल के बदले ढो रही थी बोझ और तोल रही थी आलू

काट कर नोट लौटा रही थी छुट्टे हथेली पे मेरे

लगा जैसे सजा-ए-गुनाह की छड़ी पा रहा था मैं

और कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ रहा था मैं।


शाही पोषाक खरीद रहा था मैं

एक दुखियारी फटे हाल देख रहा था मैं

एक आईना सा मंजर आ गया सामने

रब के तराज़ू में हालत तोल रहा था मैं

कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ रहा था मैं।


शोषित बच्ची की क़त्ल की खबर पढ़ लेता हूँ मैं

खून नहीं खौलता सिर्फ बुरा मान लेता हूँ मैं

अपने बच्चे मेह्फूस हैं इस बात पर गौर कर लेता हूँ

आइना हसता है और चुप चाप सेह लेता हूँ मैं

कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ जाता हूँ मैं।


कौमें जब लड़ती हैं जात और धर्म के नाम पर

मेरा देश बर्बाद हो गया चिल्लाके बोल देता हूँ मैं

सारा दोष नेता अभिनेता पे लाद देता हूँ मैं

अपने बुजदिली को मजबूरी का नाम दे देता हूँ मैं

कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ जाता हूँ मैं।


शहर की जहरीली हवाओं में सांस लेना भी है मुश्किल

बढ़ती गाड़ियों की तादात पर इल्ज़ाम लगा देता हूँ मैं

आम आदमी पिसता है ट्रेनों और बसों में

अपनी गाड़ी लेकर दफ्तर निकल जाता हूँ मैं

कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ जाता हूँ मैं।


रोज़ वही हादसा इस घने शहर की वीरान सड़कों पर

अपना कोई नहीं इस बात की तसल्ली कर लेता हूँ मैं

शायद शराब पीकर गाडी चला रहा होगा कहके

तड़पने वाले को उसके हाल पर छोड़कर निकल जाता हूँ मैं

कुछ रूह का हिस्सा दफना कर आ जाता हूँ मैं।


अँधेरी रात में मन को जब टटोलकर देख लेता हूँ मैं

बेशरम रूह को दिल मे धड़कते हुए पा लेता हूँ मैं

कल ही तो इसे पूरा दफना कर आ गया था मैं

इस चुड़ैल से पीछा क्यों नहीं छूटती  

हैरान परेशां इसी बात से अक्सर रेह लेता हूँ मैं

रोज़ इसे दफना कर आ जाता हूँ मैं

रोज़ इसे दफना कर आ जाता हूँ मैं।


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