वक़्त की दी टीस, अब शायद वक़्त की भर पायेगा, वक़्त की दी टीस, अब शायद वक़्त की भर पायेगा,
शायद अपने मां बाप का वो बेबस चेहरा , बीवी की वो राह ताकती उदास नज़रें और पापा कब आए शायद अपने मां बाप का वो बेबस चेहरा , बीवी की वो राह ताकती उदास नज़रें और ...
अब जो मिली तो तेरी श्रृंगार करूँगा अब जो मिली तो तेरी श्रृंगार करूँगा
क्या करें दफ्तर के बाबू जो ठहरें क्या करें दफ्तर के बाबू जो ठहरें
प्लास्टिक के तथा सामान खरीदकर भी हम पॉलीथीन में लाते, प्लास्टिक के तथा सामान खरीदकर भी हम पॉलीथीन में लाते,
क्या यही वो समाज है, जहाँ औरत का अस्तित्व पुरूष से है ? क्या यही वो समाज है, जहाँ औरत का अस्तित्व पुरूष से है ?
पेट की आग बहुत बुरी होती है साब सब कुछ भुला देती है पेट की आग बहुत बुरी होती है साब सब कुछ भुला देती है
संवेदनहीन पत्थर हो तुम सब, पत्थर हो तुम सब। संवेदनहीन पत्थर हो तुम सब, पत्थर हो तुम सब।
हाँ, मैं कहती हूं सब स्वार्थ है ! हाँ, मैं कहती हूं सब स्वार्थ है !
हर सरकारी कोढ़ और सरकारी कोढ़ में अन्तर्व्यापित सरकारी खाज उन्हें स्वीकार है। हर सरकारी कोढ़ और सरकारी कोढ़ में अन्तर्व्यापित सरकारी खाज उन्हें स्वीक...
इसके नुक्सान बहुत पर हजारों फायदे भी है! स्वच्छ हुऐ नदिया फ़जा और अंबर भी है! इसके नुक्सान बहुत पर हजारों फायदे भी है! स्वच्छ हुऐ नदिया फ़जा और अंबर भी है!
ये आया है जो जलजला बहा ले जाए न कहीं पूरी दुनिया घर में कैद है संग दोस्त कोई भी ये आया है जो जलजला बहा ले जाए न कहीं पूरी दुनिया घर में कैद है संग द...
माँ- बाप के सानिध्य की जरूरत नहीं, नोट गिनते रहते हैं माँ- बाप के सानिध्य की जरूरत नहीं, नोट गिनते रहते हैं
अखबार इसी नंगे समाज की खबर रोज पेश करेगा बेखौफ। अखबार इसी नंगे समाज की खबर रोज पेश करेगा बेखौफ।
हे श्वेतवाहन हो दूर विवशता ऐसा उपाय करो हे श्वेतवाहन हो दूर विवशता ऐसा उपाय करो
वो "रेड शेड" की लिपस्टिक मुझे अपनी ओर खींच जाती है। वो "रेड शेड" की लिपस्टिक मुझे अपनी ओर खींच जाती है।
क्या लॉक डाउन के वक्त के कायदे बताऊं मैं? क्या लॉक डाउन के वक्त के कायदे बताऊं मैं?
आधा हकीकत हो या आधा फ़साना। हमें तो चाहिए बस जीने का बहाना।। आधा हकीकत हो या आधा फ़साना। हमें तो चाहिए बस जीने का बहाना।।
लेकर जान मानवता की, पल पल मचल रहा है। वह अनदेखा वायरस, दुनिया को निगल रहा है। लेकर जान मानवता की, पल पल मचल रहा है। वह अनदेखा वायरस, दुनिया को निगल रहा है।
बाल श्रम एक अभिशाप है एक शर्मनाक प्रथा है जिसे समाप्त होना है जरूरी। बाल श्रम एक अभिशाप है एक शर्मनाक प्रथा है जिसे समाप्त होना है जरूरी।