मैं दिल से मजबूर हूँ अपने और वो दुनियादारी से। मैं दिल से मजबूर हूँ अपने और वो दुनियादारी से।
होती है जब वोटों की राजनीति तब होता जन जन से कूटनीति होती है जब वोटों की राजनीति तब होता जन जन से कूटनीति
साँच को नहीं आँच। साँच को नहीं आँच।
आम जनता को भी हो गया है इस बात का बोध। इसलिए वह नहीं करती कोई प्रतिरोध। आम जनता को भी हो गया है इस बात का बोध। इसलिए वह नहीं करती कोई प्रतिरोध।
पांच वर्षों तक शक्ल नहीं दिखाते ये नेता फिर से घूम रहे गली गली पांच वर्षों तक शक्ल नहीं दिखाते ये नेता फिर से घूम रहे गली गली
अक्लमंद को नुमाइश ए इल्म की चोरी है, बेवकूफों के हाथों में सत्ता की डोरी है, कहर बरसाकर उनको अब छलना... अक्लमंद को नुमाइश ए इल्म की चोरी है, बेवकूफों के हाथों में सत्ता की डोरी है, कहर...