आम जनता को भी हो गया है इस बात का बोध। इसलिए वह नहीं करती कोई प्रतिरोध। आम जनता को भी हो गया है इस बात का बोध। इसलिए वह नहीं करती कोई प्रतिरोध।
आज मेरी कलम भी, गयी रोकर हार। देख कर अमानवीय, भीषण नरसंहार। आज मेरी कलम भी, गयी रोकर हार। देख कर अमानवीय, भीषण नरसंहार।
वे हैं- अब इन सबको स्मृति कह लो या आत्मा। वे हैं- अब इन सबको स्मृति कह लो या आत्मा।
जब-जब होते मैच मीडिया पर छा जाए रौनक रेडियो, मोबाइल या टी वी सभी बुलाते पास। जब-जब होते मैच मीडिया पर छा जाए रौनक रेडियो, मोबाइल या टी वी सभी बुलाते पास।
कौन कहते हैं हमारा कोई न पक्ष सत्ता से बड़ा नहीं होता कोई पक्ष। कौन कहते हैं हमारा कोई न पक्ष सत्ता से बड़ा नहीं होता कोई पक्ष।
गढ़ जाऊँ या उड़ जाऊं मैं किस किस पर फिर मर जाऊं मैं। गढ़ जाऊँ या उड़ जाऊं मैं किस किस पर फिर मर जाऊं मैं।