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डा.अंजु लता सिंह 'प्रियम'

Drama

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डा.अंजु लता सिंह 'प्रियम'

Drama

खेल का मैदान

खेल का मैदान

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हरदम ही भाता है मुझको खेल का मैदान

क्रिकेट अगर खेला जाए तो लगता है वरदान

दो टीमों के कुशल खिलाड़ी

कभी अगाड़ी कभी पछाड़ी।


हारे ना जब पर पक्ष से बढ़े देश की शान

हरदम ही भाता है मुझको खेल का मैदान।


बाॅलिंग हो या बैटिंग हो बस रन ही बनते जाए

हिलमिलकर खेलें सब अपने हों ना कभी पराए

खेल-भावना पनपे दिल में खुशहाली भी सरसे

टीमों के सब कुशल खिलाड़ी गर्वित होकर जाए।


बरसों से ही लोकप्रिय है क्रिकेट है कुछ खास

कमेंट्री सुनकर इसकी तो मन में जगे उल्लास

जब-जब होते मैच मीडिया पर छा जाए रौनक

रेडियो, मोबाइल या टी वी सभी बुलाते पास।


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