रिश्ते
रिश्ते
वे भी तो हमें सन्देश नहीं भेजते ,
ऐसा सोचकर हमने भी अपने हाथों को विराम दे दिया ।
रिश्तों की बुनियाद को समझे बिना ,
उनकी व्यस्तता को हमने उनका अहंकार मान लिया ।
हमारा अभिमान इतना बड़ा था ,
जिसने नाजुक से रिश्ते को चकनाचूर कर दिया ।
