उसकी मर्जी ही सर्वश्रेष्ठ है जिसको परमात्मा बोलते है उसकी मर्जी ही सर्वश्रेष्ठ है जिसको परमात्मा बोलते है
दुख नहीं था, हैरानी नहीं थी चिंता नहीं, परेशानी नहीं थी दुख नहीं था, हैरानी नहीं थी चिंता नहीं, परेशानी नहीं थी
घर पर सब ठीक था, मगर यहां वो थी पराई वो बहू क्या बनी, फिर बेटी ना बन पाई घर पर सब ठीक था, मगर यहां वो थी पराई वो बहू क्या बनी, फिर बेटी ना बन पाई
भेद- भाव की भावना को दूर भागते हैं चलो मिलकर होली मानते हैं। भेद- भाव की भावना को दूर भागते हैं चलो मिलकर होली मानते हैं।
नहीं कभी किसी से बैर करें नहीं कभी किसी को गैर करें गर हर लम्हा खुश रहना है तो मिल कर सदा सब सैर ... नहीं कभी किसी से बैर करें नहीं कभी किसी को गैर करें गर हर लम्हा खुश रहना है तो...
या किसी की परछाई बनना है या खुद की पहचान बनानी है। या किसी की परछाई बनना है या खुद की पहचान बनानी है।