घर पर सब ठीक था, मगर यहां वो थी पराई वो बहू क्या बनी, फिर बेटी ना बन पाई घर पर सब ठीक था, मगर यहां वो थी पराई वो बहू क्या बनी, फिर बेटी ना बन पाई
इतने लोगों को कोरोना खा गया है बच गई है न इसी कारण घमण्डी हो गई है। इतने लोगों को कोरोना खा गया है बच गई है न इसी कारण घमण्डी हो गई है।
कहीं पर पढ़ा था मैंने कि ज़िंदगी की जंग खुद लड़नी पड़ती है, कहीं पर पढ़ा था मैंने कि ज़िंदगी की जंग खुद लड़नी पड़ती है,
घमंडी सभी हो गए हैं सुनो, मुझे आज कोई सफाई न दे। घमंडी सभी हो गए हैं सुनो, मुझे आज कोई सफाई न दे।
एक था राजा शक्ति अपार उसके हाथों में दिन -रात वो प्रजा पर करता अत्याचार था। एक था राजा शक्ति अपार उसके हाथों में दिन -रात वो प्रजा पर करता अत्याचार था।
संत ने कहा देने वाला तो ईश्वर है वही व्यवस्था करता है, हम फक्कड़ जीवन जीते हैं हमें को संत ने कहा देने वाला तो ईश्वर है वही व्यवस्था करता है, हम फक्कड़ जीवन जीते है...