उड़ान भरते सपने ,ज़मीन पर कदम, अठखेलियां करते विचार हरपल मन के गलियारे में,....... उन सपनों को जीती , कल्पनाओ में रहती मैं. और कहूँ क्या अपने बारे में Qualification- BSc with biology and post graduation with education . Won many prizes in various compititions. Love to read new books. always try... Read more
Share with friendsरीना अब वही पलट कर जवाब देने का रिश्ता बनाने को विवश थी
Submitted on 28 Feb, 2020 at 03:33 AM
तो क्या संदली भी उस गहने बंगले कारों की दुनिया मे वही घुटन महसूस करने लगेगी जो। ...
Submitted on 26 Feb, 2020 at 17:54 PM
"पापा आपके अंगूठे में ये चोट बार बार क्यों लग जाती है देखिये ना रोज़ दवा लगाता हूँ पर ज़ख्म कम ही नही हो रहा ।
Submitted on 20 Jan, 2020 at 12:12 PM
तीन दिन से भूखा होने के कारण वह वहीं बैठा सब की हंसी का पात्र बनता रहा।
Submitted on 11 Dec, 2019 at 17:01 PM
ऊंची उड़ान के सपने के साथ गया था उस ईंट को सुनार के पास ले कर
Submitted on 27 Nov, 2019 at 19:54 PM
असल मे आज रिया के घर कुछ रिश्तेदार आने वाले थे, मगर किसी कारण आ नहीं पाए। कितने पकवान
Submitted on 27 Nov, 2019 at 14:48 PM
सभी औरतें दोनों सास बहुओं को जाते देख रहीं थी। हँसी ठिठोली कहीं गायब हो गई थी।
Submitted on 23 Nov, 2019 at 10:38 AM
तभी मंदिर की सीढ़ियों पर से किसी बच्चे की रोने की आवाज़ आई
Submitted on 18 Nov, 2019 at 19:56 PM
सिम्मी की आँखों में अब आँसू आ गए थे। उसे मम्मी की बहुत याद आ रही थी
Submitted on 18 Nov, 2019 at 18:44 PM
दिशा ने नए घर में कदम रखते ही ,पहले दिन से जितना उससे बन पड़ा किया। वह राजेश की न सिर्फ
Submitted on 16 Nov, 2019 at 20:17 PM
एक कटाक्ष उन इज़्ज़तदारो पर जिन्हें दूसरों की बेइज़्ज़ती करने में ज़रा भी संकोच नही होता।
Submitted on 11 Nov, 2019 at 15:15 PM
जाने मन मे क्या विचार आया कि प्लास्टर खोलने की कोशिश करने लगी
Submitted on 08 Nov, 2019 at 20:13 PM
हम जीरो फिगर वो हीरो फिगर, हमारी आवाज़ बेदम उनकी एटम बम। रोकते तो कैसे।
Submitted on 06 Nov, 2019 at 18:33 PM
उसे पेंटिंग्स बनाने, रंगों से खेलने और कल्पनाओं को कागज़ पर उतारने का कुछ ऐसा जुनून था, की वह अपने पैशन को ही ज़्यादा वक़्त...
Submitted on 14 Oct, 2019 at 18:26 PM
मिसेस आनंद की मुस्कुराती हुई तस्वीर ड्राइंग रूम में लगी, लॉन से साफ नजर आ रही थी।
Submitted on 11 Oct, 2019 at 17:20 PM
आज बारिश के रूप कितनी खुशियां उन पर बरस गई थीं।
Submitted on 10 Oct, 2019 at 12:36 PM