काश! दुनिया थोड़ी और संवेदनशील हो जाए... काश! दुनिया थोड़ी और संवेदनशील हो जाए...
हम वो सिकंदर है जो लश्कर नहीं रखते। हम वो सिकंदर है जो लश्कर नहीं रखते।
न जाने क्यों हर घड़ी मैं अपनी ही शख़्सियत से उलझता फिरता हूँ। न जाने क्यों हर घड़ी मैं अपनी ही शख़्सियत से उलझता फिरता हूँ।
तुमको जो लेना है ख़ुद ही ले लो तुम, ख़ातिरदारी मेहमानों की होती है। तुमको जो लेना है ख़ुद ही ले लो तुम, ख़ातिरदारी मेहमानों की होती है।
मुझे सुनाओ हँसाए कितने नन्हों को तुम मैं बताऊँ रब के कितने करीब हो तुम। मुझे सुनाओ हँसाए कितने नन्हों को तुम मैं बताऊँ रब के कितने करीब हो तुम।
अंत में गोली खाकर शहीद हो गया वो फरिश्ता , जो देश की आज़ादी से बना रहा था रिश्ता। अंत में गोली खाकर शहीद हो गया वो फरिश्ता , जो देश की आज़ादी से बना रहा था रि...