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Amaan Iqbal

Inspirational

5.0  

Amaan Iqbal

Inspirational

जंग

जंग

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जंगी हथियारों पे ज़ंग जमने दो,

सिलसिला ख़ौफ़ का ये थमने दो।

 

लहू की हिफाज़त में लहू बहता है,

सिपाहियों को भी इश्क़ करने दो।

 

'अमन' की ख़ातिर वो जंग करते हैं,

अरे इस लतीफ़े पे मुझको हँसने दो।

 

मैं तोप की नालों में ग़ज़ल भर दूंगा,

उनकी फ़ौजों को इसे पढ़ने दो।

 

सरहद के आर पार एक सी शक्लें।

बारूद के ढेर पे आईना भी रख दो।। 

 


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