हम वो सिकंदर है जो लश्कर नहीं रखते। हम वो सिकंदर है जो लश्कर नहीं रखते।
सिसक कर गिन रही है गिनतियाँ ज़ुबाँ आएगा वक्त और बयाँ होगा किस्सा। सिसक कर गिन रही है गिनतियाँ ज़ुबाँ आएगा वक्त और बयाँ होगा किस्सा।
उम्र भर करता रहा शिक़वा ज़िन्दगी से रूबरू है मौत तो मुड़ मुड़ के ज़िन्दगी को देखता है क्या उम्र भर करता रहा शिक़वा ज़िन्दगी से रूबरू है मौत तो मुड़ मुड़ के ज़िन्दगी को देखता ह...