हम भारतीय हैं साहब एक से मिले एक तो ग्यारह होते हैं। हम भारतीय हैं साहब एक से मिले एक तो ग्यारह होते हैं।
कहीं आतंक का साया,कहीं भूख की है छाया हमारा दिल रोता उनके अच्छे के लिए हरदम, हम मानत कहीं आतंक का साया,कहीं भूख की है छाया हमारा दिल रोता उनके अच्छे के लिए हरदम, ...
रहें हिफाजत मेरे देश की, इस जान की परवाह नहीं रहें हिफाजत मेरे देश की, इस जान की परवाह नहीं
क्यों खेल रहे हैं ये हत्यारे, क्यों हत्यारे बने जा रहें हैं ? क्यों खेल रहे हैं ये हत्यारे, क्यों हत्यारे बने जा रहें हैं ?
कर दे आतंक का खात्मा, तू कर आतंक का खात्मा। कर दे आतंक का खात्मा, तू कर आतंक का खात्मा।
जब जब आवे सीमा पार तू देला बन्दुकिया से मार बाड़ा भक्त देशवा खानदानी पिया करे आतंकी परेश... जब जब आवे सीमा पार तू देला बन्दुकिया से मार बाड़ा भक्त देशवा खानदानी पिय...