आतंकवाद
आतंकवाद
आतंक पूरी मानवता का, इस समय बना कलंक है
सकल विश्व हुआ ज़हरीला, बचाव का हुआ अंत है
नर सभ्यता को बचाने निकला, देशभक्तों का टोला
कर दे आतंक का खात्मा, तू कर आतंक का खात्मा
कितनी ही महिलाओं के इससे, सुहाग उजड़ जाते हैं
कितने ही माता और पिता, सन्तान रहित हो जाते हैं
आतंक के खात्मे हेतु होता, शहीद कई बहनों वाला
कर दे आतंक का खात्मा, तू कर आतंक का खात्मा
आतंक रहित भयमुक्त माहौल, देश की पहचान हो
इस रावण को रोकने हेतु, दुर्गा तुम्हारा अवतार हो
धर्मनिरपेक्ष देश अपना, सभी धर्मों का हो बोलबाला
कर दे आतंक का खात्मा, तू कर आतंक का खात्मा।