तालियाँ
तालियाँ


नो बॉल, वाइड बॉल,
चौक्का, छक्का तालियाँ।
और आई.पी.एल. में मोहती,
चियर्स लीडर नारियाँ।।
दूर देश जब खेलते हैं,
और त्यौहार सब छूटते हैं।
ऐसे में याद आती होंगी,
अपने सब, घर, महतारियाँ।।
अपना देश, अपना भेष,
नहीं चाहिये कोई परदेश।
मुझको है आकर्षित करती,
अपनों की परछाइयाँ।।
आते ताली, जाते ताली,
इसको ताली ,उसको ताली।
बैट्समैन चाहे बॉलर वाली,
कभी झड़प और गालियाँ।।
देश की खातिर खेली जाती,
और सम्मान हमें दिलाती।
वन डे हो या टेस्ट मैच,
मुझे लुभाती पारियाँ।।
कभी रेडियो पर सुनती थी,
फिर टी.वी. पर देखा भी।
मनोरंजन में चार चाँद लगाती,
कमेंटेटरों की यारियाँ।।
हो वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड,
या ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड।
हमको तो बस प्यारी लगती,
अपनी टीम जैसे वादियाँ।।
विश्व कप जो जीत के लाते,
T-20 या वन डे वाले।
जो बनाती चैंपियन हमें,
प्यारी लगती ट्रॉफियाँ।।