"हकीकत में थोड़ा जहर पीना चाहती हूँ, शायद इसीलिए जीना चाहती हूँ |" "मैं से शुरू की,मैं पे खत्म की तो फिर तुमने, अपनी जिंदगी सही मायने में कहाँ जी "!
दीप्ति लोगों की अपेक्षाओं से आजाद होकर अपनी सेलफ़ी खींचने में मस्त। दीप्ति लोगों की अपेक्षाओं से आजाद होकर अपनी सेलफ़ी खींचने में मस्त।
अब मैं शान से सबसे कह पाती हूँ कि हाँ मैं हूँ देशभक्त और ये मेरा भारत है। अब मैं शान से सबसे कह पाती हूँ कि हाँ मैं हूँ देशभक्त और ये मेरा भारत है।
जाने क्या......अब हम मजे से हाथ उठा के गोल गोल घूम के नाच रहे थे जाने क्या......अब हम मजे से हाथ उठा के गोल गोल घूम के नाच रहे थे
तो इस नाम की एक और समस्या हल हुई। तो इस नाम की एक और समस्या हल हुई।
लबों पे वो,बाहों में ये,ख़्वाबों में तुम हो हर घड़ी हर पहर यादों में तुम हो।। लबों पे वो,बाहों में ये,ख़्वाबों में तुम हो हर घड़ी हर पहर यादों में तुम हो।...
आज से इस घर में अन्न के साथ साथ अन्न परोसने वाली अन्नपूर्णा का भी आदर होगा| आज से इस घर में अन्न के साथ साथ अन्न परोसने वाली अन्नपूर्णा का भी आदर होगा|
हर राखी पर नम आँखें लिए राखी मनाने के लिए अपनी माँ के आगे पीछे तीनों घूमती रहती हर राखी पर नम आँखें लिए राखी मनाने के लिए अपनी माँ के आगे पीछे तीनों घूमती रहती
हाँ भाई पर उसका बड़ा बेटा अभिषेक बहुत काबिल निकला हाँ भाई पर उसका बड़ा बेटा अभिषेक बहुत काबिल निकला
सत्य क्या है? अखबार में छपी खबरें, या फिर घर में पोती के साथ घट रहा है। सत्य क्या है? अखबार में छपी खबरें, या फिर घर में पोती के साथ घट रहा है।
दवा खा ले दर्द की और रसोईघर के काम निपटा ले।" दवा खा ले दर्द की और रसोईघर के काम निपटा ले।"