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Jaswant Lal Khatik

Action Drama

2.2  

Jaswant Lal Khatik

Action Drama

जय महाराणा प्रताप

जय महाराणा प्रताप

2 mins
20.1K


राणा उदयसिंह , के सपूत,

थी , उनकी राजपूती शान ।

आओ ! मिलकर सब करें,

महाराणा प्रताप , का सम्मान ।


राणा प्रताप , का नाम सुनके,

दुश्मन , सारे घबराते थे ।

अकबर , तो सपने में डरता,

शेरों , से वो , दहाड़ते थे ।


छापली थी, मुगल छावनी,

दिवेर से, जीत की शुरुआत हुई ।

घोड़े समेत , बहलोल खाँ को चीरा,

वीर प्रताप की , जय जय कार हुई ।


कभी प्रताप , नही हारे थे,

थी , उनकी , अजेय तलवार ।

रणभूमि , में शेर बन जाते,

खाली नाजाता कोई वार


रण में , निकले वीर प्रताप,

नीले घोड़े , पर हो असवार ।

दो सो आठ किलो , वजनी थे,

भाला , कवच और तलवार ।


चेतक , हवा से बातें करता,

प्रताप , चलाये भाला, तलवार ।

दुश्मनों को , चीरते जा रहे,

दोनों हाथों , से करके वार ।


चेतक ने किये , प्रबल वार,

हाथी पर रख दिए , अपने टाप ।

महावत मरा , मानसिंह बचा,

वीरों के वीर थे , महाराणा प्रताप ।


अपने स्वामी , को बचाने,

कूद गया चेतक , नाले के पार ।

स्वाभिभक्त था , नीला घोडा,

नाले किनारे , त्यागा संसार ।


हल्दीघाटी , खून से लतपथ,

अकबर , को धूल चटायी थी ।

वन में , दर-दर भटके थे,

घास की रोटी , खायी थी ।


मेवाड़ के , वीर शिरोमणि,

सब प्रताप को , आदर्श मानते है ।

देशभक्ति की , मिसाल प्रताप,

भारत के बच्चे-बुड्ढे जानते है ।


"जसवंत" लिखे , प्रताप की गाथा,

सब मिलकर , गाये गुणगान ।

आओ ! मिलकर , और बढ़ाये,

महाराणा प्रताप , का मान ।


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