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Madhu Vashishta

Action Inspirational

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Madhu Vashishta

Action Inspirational

जीवन वन के बिना।

जीवन वन के बिना।

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वनों के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं हो सकती।

कंक्रीट के जंगल उगाने वालों एक बार तो सोच लो।

काट काटकर वनों को धरती को बंजर बनाने वालों एक बार तो सोच लो।

प्रकृति से पोषित होने वालों एक बार तो सोच लो।

प्रकृति से विमुख होकर तुम कहां जाओगे?


पेड़ों को काटकर ठंडी हवा के लिए एयर कंडीशन तो तुम लगाओगे!

फैला के प्रदूषण नदियों में स्विमिंग पूल तो तुम बनाओगे!

पानी भी प्रदूषित कर दोगे तो एक बार तो सोचो भला फिर तुम कैसे जी पाओगे?

हर चीज का नवीनीकरण करने वालों,

पुरातन से नाता तोड़ने वालों,

तुमको तो धरोहर में मिले थे प्रकृति के बहुत से संसाधन,

तुम नई पीढ़ी के लिए क्या छोड़कर जाओगे?

माना विकास भी जरूरी है।


लेकिन वनों को काटने की क्या मजबूरी है?


धरती साझी है, सबको जीने दो,

लुप्त होते जा रहे हैं पशु और पक्षी भी दोनों,

वनों को उनके लिए भी रहने दो।

पेड़ उगाओ हरियाली लाओ।

व्यायाम करो, कुछ शारीरिक काम करो।

बंद करो पॉलीथिन का प्रयोग

समाज के लिए कुछ उपयोगी काम करो।

क्या रखा है मॉडर्न बनने में कुछ सोच समझकर काम करो।

विनाश को विकास का नाम ना दो ।

मानवता के विकास के लिए कुछ काम करो।



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