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Madhu Vashishta

Romance Action Classics

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Madhu Vashishta

Romance Action Classics

दिलवाले।

दिलवाले।

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 हमें तुम कहां समझ पाओगे?
हम ठहरे दिलवाले तुम तो केवल अपना दिमाग ही चलाओगे।
दिमाग से करके चालबाजियां जब तुम खुश हो जाओगे।
हमको चुप देखकर जब जीत का जश्न मनाओगे।
हम को फिर भी मुस्कुराते हुए देख शायद तुम सह नहीं पाओगे।
हम ठहरे दिलवाले हमें दिल बहलाना आता है।
सुबह का उगता सूरज, फूलों की सुगंध और चिड़ियों की चहचहाहट ही सुनकर हर्षित हमारा मन हो जाता है।
दिमाग तुम्हारा चुनता है कांटे और दूसरों की राह में कांटे ही बिछाता है।
शातिर दिमाग करता है छल और छल के बदले में आज नहीं तो कल केवल छल ही पाता है।
दिल वालों ने तो दिमाग वालों से तोड़ दिया नाता है।
अब यह तो समय ही बताएगा कि कौन किसे याद करता है और कौन किसे भुलाता है? दिल वाला तो सदा हार कर भी जीत जाता है।
दिमाग प्रयोग करने वाला तो सब कुछ पाकर भी रीता ही रह जाता है।
 


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