चलो, चाँद के पार चलो......
चलो, चाँद के पार चलो......
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कितनी रस्में अदा करेंगे हम,
कितने वादे निभायेंगे हम,
कितने अरमाँ दफनायेंगे हम,
कितनी हसरतें पूरी हो पायेगी,
कितनी तमन्ना अधुरी रह जायेगी,
कितनी लक्ष्मण रेखा खीची जायेगी,
आखिर
इश्क मे कितनी खता करते रहेंगे,
मेहबूब तुझसे बेवफाई कर सकेंगे,
जिंदगी तुझसे वफा ना कर पाएंगे,
सच है,
चलो चाँद के पार चलो,
साथी हम है तैयार चलो....