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Laxmi Yadav

Inspirational

4  

Laxmi Yadav

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बस..साल बदल जाता

बस..साल बदल जाता

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क्या होता है जब दिनदर्शिका बदल जाती है..... 

दीवार पर साल भर से टंगी जिंदगी 

चलती घडी पर रोज ये टिक टिक जिंदगी, 

ढलती मानों पत्ते पर ओस जिंदगी , 

कुछ नहीं होता, 

बस.... साल बदल जाता.... 


रहती हैं वही रफ्तार साँस की, 

रहती हैं वही उम्मीदें मन की , 

रहती है वही थकान अरमाँ की, 

बस..... साल बदल जाता.... 


हो जाता खत्म जीवन का एक और साल, 

हो जाता खत्म जीवन का एक और काल, 

फिर भी तू क्या सोच जश्न मनाता हर साल, 

क्या होता है.... 

बस..... क्रमांक बदल जाता है... 


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