एक खूबसूरत शाम, चाँद के बहाने एक खूबसूरत शाम, चाँद के बहाने
अँधेरे तूफां को समेटे वह सारी हकीकत मेरी झुकी पलकों पर ठहरी हुई हैं ,तुम , चाँद और मैं डूबे हुए है... अँधेरे तूफां को समेटे वह सारी हकीकत मेरी झुकी पलकों पर ठहरी हुई हैं ,तुम , चाँ...
(चाँद उस दिन से हँसना भूल गुमसुम हो गया) (चाँद उस दिन से हँसना भूल गुमसुम हो गया)
मेरी प्रथम श्रृंगारस की कविता। मेरी प्रथम श्रृंगारस की कविता।
नखरें दिखता है मुझे छोड़ किसी और के पास चला जाता है। नखरें दिखता है मुझे छोड़ किसी और के पास चला जाता है।