इश्क़ में उदासी का आलम उस आँख से पूछो बिछड़ के बहुत दूर जिसका हमसफ़र गया है इश्क़ में उदासी का आलम उस आँख से पूछो बिछड़ के बहुत दूर जिसका हमसफ़र गया है
अब तलक भी मुन्तज़िर है ज़ीस्त का वक़्त आखिर गुन गुनाता कौन है? अब तलक भी मुन्तज़िर है ज़ीस्त का वक़्त आखिर गुन गुनाता कौन है?
बस एक दफ़ा उनसे मिलें थोड़ी तो गुज़ाइश हो। बस एक दफ़ा उनसे मिलें थोड़ी तो गुज़ाइश हो।