शर्मा जी ने सबक ये सीखा, करो समझ बूझ कर भला किसी का। शर्मा जी ने सबक ये सीखा, करो समझ बूझ कर भला किसी का।
अभी क्या घड़ी होती है जब तुम मेरे पास खड़ी होती है। अभी क्या घड़ी होती है जब तुम मेरे पास खड़ी होती है।
मै आ गई हूं इक्कीसवीं सदी में, तुम्हारा दखल मेरे रहन सहन,पहनावे, शिक्षा, रीति रिवाज मै आ गई हूं इक्कीसवीं सदी में, तुम्हारा दखल मेरे रहन सहन,पहनावे, शिक्षा, ...
क्या तुम्हें मेरी कमी बिलकुल नहीं खलती है ! क्या तुम्हें मेरी कमी बिलकुल नहीं खलती है !
जब उसे इस मानसिकता की बेड़ियों से उठना था। जब उसे इस मानसिकता की बेड़ियों से उठना था।
औरत की अग्नि परीक्षा युगों युगों से चली आ रही, नारी भेद दुधारी कब तक? सीता की सी अग् औरत की अग्नि परीक्षा युगों युगों से चली आ रही, नारी भेद दुधारी कब तक? स...