जब उसे इस मानसिकता की बेड़ियों से उठना था। जब उसे इस मानसिकता की बेड़ियों से उठना था।
आज भी वाकिफ नहीं मैं तेरी, बदलती राहों से और बा़ँहों से। आज भी वाकिफ नहीं मैं तेरी, बदलती राहों से और बा़ँहों से।
हड्डियाँ हिलाती बदन कंपाती गर्मी की चाह मांगती बैठाकर रिक्से सवारी पहुंचाता उसके मंजिल तक खुद मं... हड्डियाँ हिलाती बदन कंपाती गर्मी की चाह मांगती बैठाकर रिक्से सवारी पहुंचाता उस...
'तेरी जीत मेरी हार ... 'तेरी खुदगर्जी या खुदा कि मर्जी मेरी खामीया पता नहीं .... यह कैसा प्यार ते... 'तेरी जीत मेरी हार ... 'तेरी खुदगर्जी या खुदा कि मर्जी मेरी खामीया पता नहीं .....
खेतों को भी भाये बारिश, नदियॉं भी भर जाये। मोर को भी नचाये बारिश, प्रीत खूब बरसायें। खेतों को भी भाये बारिश, नदियॉं भी भर जाये। मोर को भी नचाये बारिश, प्रीत...
काश ! कुछ ऐसा हो जाये वतन में मेरे मौला, आतंक करना तो दूर सोचने से भी रूह कांप उठेगी। काश ! कुछ ऐसा हो जाये वतन में मेरे मौला, आतंक करना तो दूर सोचने से भी रूह...