STORYMIRROR

Shubham Mishra (Anamika)

Drama

3  

Shubham Mishra (Anamika)

Drama

वाकिफ हूँ

वाकिफ हूँ

1 min
343

आज भी वाकिफ हूँ,

या फिर वाकिफ नहीं,

तेरी हर आहट से,आदत से,

और बनावट से।


आज भी वाकिफ नहीं तेरी,

बदलती चाहत से, इबादत से,

और राहत से।


शायद वाकिफ हूंँ मैं तेरी,

दी हुई घबराहट से,

और ज़लालत से।

आज भी वाकिफ नहीं मैं तेरी,

बदलती राहों से और बा़ँहों से।


आज भी मैं वाकिफ नहीं,

क्यूं तुझसे मैं वाकिफ हूंँ।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Shubham Mishra (Anamika)

Similar hindi poem from Drama