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ANSHUPA MOHAPATRA

Drama Inspirational

2.5  

ANSHUPA MOHAPATRA

Drama Inspirational

मैं एक सफ़ेद कबूतर...

मैं एक सफ़ेद कबूतर...

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कैसे समझाए

मैं एक सफ़ेद कबूतर

ना मेरा कोई देश

ना मेरा कोई वेश...


सुबह को मंदिर

शाम को मस्जिद है मेरा बसेरा

मुझे आज़ादी से इश्क़ है

सातों रंगों को मैंने मिलाया...


मुझमे राम भी बसे

और खुदा भी

मेरा भरोसा है जीसस

और ईमान गुरु नानक भी...


यही गुज़ारिश है सब से

के ना बांटो मेरे तन को

किसी मज़हब से

और ना काटो मेरे मन को

कोई सरहद से...





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લોગિન

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