जब कोई किसी से जलन करता है। तो वही उसकी खुशियों का क़ातिल हो जाता है। जब कोई किसी से जलन करता है। तो वही उसकी खुशियों का क़ातिल हो जाता है।
चुप से इस बात की तमीज ले।। कर्म का ढिंढोरा पीटने से अच्छा। चुप से इस बात की तमीज ले।। कर्म का ढिंढोरा पीटने से अच्छा।
जिन्होंने मिटाया रात्रि का अंधेरा घना जिन्होंने मिटाया रात्रि का अंधेरा घना
खास कानून की मजबूत होती कोई बेंत। हमारे स्वार्थ की बलि न चढ़ता, बेचारा पेड़। खास कानून की मजबूत होती कोई बेंत। हमारे स्वार्थ की बलि न चढ़ता, बेचारा पेड़।
उसका लेते बालाजी, पूरा भार वो आग का दरिया करे, पार उसका लेते बालाजी, पूरा भार वो आग का दरिया करे, पार
मैं पिरोती जाऊं मोती आस के ना जाने क्यूं धागा फिसल जाता है, मैं पिरोती जाऊं मोती आस के ना जाने क्यूं धागा फिसल जाता है,
क्या था लोक लिहाज़, बंदिशों और बेड़ियों का दूजा नाम, क्या था लोक लिहाज़, बंदिशों और बेड़ियों का दूजा नाम,
बुढ़ापे से पूर्व जवानी में हो जा, तू बड़े लोग शीशे तोड़ते, अक्स के करा, झगड़े बुढ़ापे से पूर्व जवानी में हो जा, तू बड़े लोग शीशे तोड़ते, अक्स के करा, झगड़े
काम-क्रोध भी मेरे हृदय जगते, कुछ अनजाने में हो जाते पाप।। काम-क्रोध भी मेरे हृदय जगते, कुछ अनजाने में हो जाते पाप।।
प्यार की ज़ाम छलकाने के लिये सनम, मैं तुझे देखने के लिये बेकरार हो रहा हूं। प्यार की ज़ाम छलकाने के लिये सनम, मैं तुझे देखने के लिये बेकरार हो रहा हूं।
चका चौंध नहीं रोशनी चमकार जरूरत है।। चका चौंध नहीं रोशनी चमकार जरूरत है।।
अब कृपा नहीं अधिकार चाहिये, मेरे वजूद पर ना उपकार चाहिये, अब कृपा नहीं अधिकार चाहिये, मेरे वजूद पर ना उपकार चाहिये,
मित्र बोल कर विश्वास की बात करता है। मित्र बोल कर विश्वास की बात करता है।
इस द्रौपदी की गिरधारी तक काहे ना पहुंचे पुकार है, इस द्रौपदी की गिरधारी तक काहे ना पहुंचे पुकार है,
अजीब थी वो सर्दी वाली बारिश की रात अजीब थी वो सर्दी वाली बारिश की रात
अपनी सखी सहेलियों के संग बिंदी लिपस्टिक लगाकर संवरना सजना। अपनी सखी सहेलियों के संग बिंदी लिपस्टिक लगाकर संवरना सजना।
अक्सर शादी के मायने को शर्मिंदा करते हैं। अक्सर शादी के मायने को शर्मिंदा करते हैं।
उसके लिये सर्दी, गर्मी, वर्षा सब ही एकसार है।। उसके लिये सर्दी, गर्मी, वर्षा सब ही एकसार है।।
तब जाकर होगा कहीं हमारे प्यारे देश का कल्याण।। तब जाकर होगा कहीं हमारे प्यारे देश का कल्याण।।
फिर एक बार मिले तुम अपने परिवार के साथ फिर एक बार मिले तुम अपने परिवार के साथ