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Yogesh Suhagwati Goyal

Drama

5.0  

Yogesh Suhagwati Goyal

Drama

साथ बस थोड़ी देर का है

साथ बस थोड़ी देर का है

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बस में एक यात्री, पास बैठे उग्र सहयात्री से परेशान थी

दूसरे यात्रियों ने उन्हें अपनी, परेशानी बोलने को कहा

महिला बोली, इतनी सी बात पर, बहस जरूरी नहीं है

अगले स्टॉप पे उतर जाऊँगी, साथ बस थोड़ी देर का है


झगड़े, बेकार तर्क, क्षमाशील ना होना जीवन नहीं है

दूसरों में कमियां देखना, बेवजह बहस जीवन नहीं है

सब अपनी शांति, समय और ऊर्जा की बर्बादी है

काश हम सब समझ पाते, साथ बस थोड़ी देर का है


किसी ने धमकाया, गाली दी, धोखा दे दिया, शांत रहो

किसी ने अपमान किया, नीचा दिखाया, माफ़ कर दो

कौन जाने कितना साथ है किसका स्टॉप कब आ जाये

हमेशा इतना भर ध्यान रहे, साथ बस थोड़ी देर का है


अगर किसी को चोट दी है, क्षमा मांगने में देर ना करो

‘योगी’ किसी ने चोट दी है, तो क्षमा देने में देर ना करो

हमेशा सभी के प्रति आदर, दयालु और क्षमाशील बनो

आखिर हमारा और आपका, साथ बस थोड़ी देर का है।।


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