Anushree Goswami

Drama Romance

4.8  

Anushree Goswami

Drama Romance

कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखें

कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखें

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कुछ तुम लिखो,

कुछ हम लिखें,

ये चाय का प्याला,

खतम न हो जब तक!


ये मगरूर सुबह,

आशिक़ाना शाम न हो जाये,

तब तक!


ये बारिश,

भीग जाए खुद में ही,

ये हवाएँ,

सर्द मौसम-सा कपकपा न उठें,

जब तक!


ये वक्त थम-सा न जाए,

हमारे अनकहे लफ़्ज़ों की,

बारिश में,

ये पलकें पिघलें न,

तुम्हें देखकर,

तब तक!


ये सपना,

हकीकत न बन जाए,

मोहब्बत की इन्तहां का,

यूहीं नज़र,

नज़र को निहारती रहें,

जब तक!


जब तुम लिखना बंद करो,

शाम हो जाए,

ज़िन्दगी की,

ढल जाएँ हम संग-संग,

चलो लिखते हैं तब तक!


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