एक नज़्म है वो
एक नज़्म है वो
सौम्य मुस्कुराहट, मधुर आवाज़,
मोहब्बत को बयां करती,
एक शायरी, एक नगमा,
एक नज़्म है वो !
शीतल नयन, नूरानी चेहरा,
दिल में उतरता,
संवरता, निखरता,
एक ख़्याल है वो !
बरस जाती है वो,
बारिश की बूँद जैसे,
शांत, संपूर्ण,
एक अलग दुनिया है वो !
अंजान एक आहट है,
पर जानी पहचानी लगती है,
वो वक्त, वो एक पल भी,
जैसे मेरी रूह है वो !