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ASHOK PETHANI 'SNEHI'

Romance Inspirational

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ASHOK PETHANI 'SNEHI'

Romance Inspirational

चाहता हूँ !

चाहता हूँ !

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अब ना मुझसे पूछो की मैं क्या चाहता हूँ !

मैं दिल का हाल तुम्हें दिखाना चाहता हूँ !


बहुत दिनों से कैद है ये पंछी पिंजरे में !

मैं अब ये बंधन को तोड़ देना चाहता हूँ !


तुम्हें मुबारक हो अब ये अमीरी तुम्हारी !

मैं बस दो वक्त की रोटी कमाना चाहता हूँ !


थक गया हूं जिंदगी की राह पे चलते चलते 

आगे आये जो मोड़ तो मुड़ जाना चाहता हूँ !


कब तक हाँ में हां मिलाऊँ तुम्हारे झूठ पर !

मैं अब सबको तुम्हारा सच बताना चाहता हूँ !


ये अदाकारी तो हमने तुम्हारे लिए सीखी है!

मैं तो बस तुम्हें हँसता हुआ देखना चाहता हूँ !


चाह नहीं 'स्नेही' की अब मैं खुदा कहलाऊँ!

 प्यार बाँट के सबको, प्यार पाना चाहता हूँ !


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