चाहता हूँ !
चाहता हूँ !
अब ना मुझसे पूछो की मैं क्या चाहता हूँ !
मैं दिल का हाल तुम्हें दिखाना चाहता हूँ !
बहुत दिनों से कैद है ये पंछी पिंजरे में !
मैं अब ये बंधन को तोड़ देना चाहता हूँ !
तुम्हें मुबारक हो अब ये अमीरी तुम्हारी !
मैं बस दो वक्त की रोटी कमाना चाहता हूँ !
थक गया हूं जिंदगी की राह पे चलते चलते
आगे आये जो मोड़ तो मुड़ जाना चाहता हूँ !
कब तक हाँ में हां मिलाऊँ तुम्हारे झूठ पर !
मैं अब सबको तुम्हारा सच बताना चाहता हूँ !
ये अदाकारी तो हमने तुम्हारे लिए सीखी है!
मैं तो बस तुम्हें हँसता हुआ देखना चाहता हूँ !
चाह नहीं 'स्नेही' की अब मैं खुदा कहलाऊँ!
प्यार बाँट के सबको, प्यार पाना चाहता हूँ !

