अपने जैसा दुनिया को समझता हूँ मैं सबको हँसाकर खुश रह पाता हूँ मैं अपने जैसा दुनिया को समझता हूँ मैं सबको हँसाकर खुश रह पाता हूँ मैं
खुशी में तुम्हारी चहचहाती रहूंगी, दुःख में तुम्हारे पलकें झुका लिया करूंगी, खुशी में तुम्हारी चहचहाती रहूंगी, दुःख में तुम्हारे पलकें झुका लिया करूंगी,
अब और किसी का सहारा नहीं चाहिये, खुद से ही अब मैं तो बेघर हो चुका हूं अब और किसी का सहारा नहीं चाहिये, खुद से ही अब मैं तो बेघर हो चुका हूं
थक गया हूं जिंदगी की राह पे चलते चलते थक गया हूं जिंदगी की राह पे चलते चलते
मैं रोता कभी हँसता हूँ समयानुसार मेरा होना भी न होने के बराबर मैं रोता कभी हँसता हूँ समयानुसार मेरा होना भी न होने के बराबर
शोलों सा दिल में धधकता भी हूँ, खुश हूँ या नहीं किसे फर्क़ पड़ता है ? शोलों सा दिल में धधकता भी हूँ, खुश हूँ या नहीं किसे फर्क़ पड़ता है ?