मेरी तेरी प्रीत के आगे, वक्त की नहीं कोई औकात। मेरी तेरी प्रीत के आगे, वक्त की नहीं कोई औकात।
उसके अंतस में ऐसी कई चीज़ें हैं जो पर्वत हो गई हैं। उसके अंतस में ऐसी कई चीज़ें हैं जो पर्वत हो गई हैं।
नहीं होगा फिर क्लेश कोई, अद्भुत होगा फिर नज़ारा। नहीं होगा फिर क्लेश कोई, अद्भुत होगा फिर नज़ारा।
दिल हरदम एक सवाल करता है क्या यही प्यार है ? दिल हरदम कहता है। दिल हरदम एक सवाल करता है क्या यही प्यार है ? दिल हरदम कहता है।
क्युंकि नग्मे-वफा दिल ये दिवाना हो गया, और गुजरे वो लम्हे जमाना हो गया। क्युंकि नग्मे-वफा दिल ये दिवाना हो गया, और गुजरे वो लम्हे जमाना हो गया।
शगुन है नेग रिवाज, यही है लोक व्यवहार... शगुन है नेग रिवाज, यही है लोक व्यवहार...