शगुन है नेग रिवाज, यही है लोक व्यवहार... शगुन है नेग रिवाज, यही है लोक व्यवहार...
जग से अंधियारा हटे बस सब दिल में प्रेम भावना जगे। जग से अंधियारा हटे बस सब दिल में प्रेम भावना जगे।
बदनामी काले कोट में जिरह करेगी रिश्वत की किताब की कसम खानी होगी क्यों रहा मैं सच्चा, ईमानदार... बदनामी काले कोट में जिरह करेगी रिश्वत की किताब की कसम खानी होगी क्यों रह...
विधा : सरसी छन्द गीत विधा : सरसी छन्द गीत
बरसों पुराने ख्वाब भी अब पूरे हो रहे है जो तूने कभी मेरे साथ देखे ही नहीं बरसों पुराने ख्वाब भी अब पूरे हो रहे है जो तूने कभी मेरे साथ देखे ही नहीं
प्रकृति का नियम है न कोई बच पाया न ही बच पाएगा ! प्रकृति का नियम है न कोई बच पाया न ही बच पाएगा !